कमजोर | Kamjor | weak
कमजोर
नहीं है जोर किसी का,
ना जोरी है।
मन में जो आये करता,
कहता हूँ शीनाजोरी है।।
थोड़ी है जिदंगी,
बंदगी थोड़ी हैं।
सोंच रहा हूँ कोई आये,
देखे क्या कमजोरी है।।
हाँ, मुझमें कमजोरी है।।
लगा रहता दौड़ भाग में,
भाग में नहीं जो उसे पाने को।
लाने को किस्मत चमकानें को,
मैं लगा रहता किसी को पाने को।।
ये मजबुरी है जो जोड़ी है मुझसे हाँ।
मन करता है,
डरता है,
कहीं छोङ ना दे तन मेरा।।
मेरा खुद पर वश नहीं,
बस यही कहता हूँ मैं।
यहाँ क्या जहाँ रहा,
रहा अकेला मैं।।
बस यही अकेलापन बनी कमजोरी है।
दूर करनी मुझे ये जोरी है।।
रह-रह इसमें कमजोर हुआ।
लगता बाहर से भला,
भला ना कुछ मेरा हुआ।।
कमजोर हूँ मन का,
कहूँ किसे बता,
बता कुछ दवा है तो,
बता करूँ क्या बता।
कमजोर हूँ मैं।।
Kavitarani1
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