मेरी खुशी |Meri Khushi | Happiness
मेरी खुशी
है अगर कहीं तो दिख अब।
रोज लोग मुझसे पूछते है सब।
इस प्यारी सी सुरत पर मुस्कान छायेगी कब?
मैं पुछता सब से पता उसका,
जो बस जानता है रब।।
मेरी खुशी आ जा अब ।
कई दरवाजे खटखटायें हैं।
कई चेहरे पढ़ लिये हैं।
मैं अकेला रह गया हूँ।
में दुखी जी लिया हूँ।।
अब जीना है साथ तेरे।
क्या साथ रहोगी तुम मेरे।
मेरी खुशी, तुम खास हो।
ना मिली अब तक मुझे।
तुम मेरी प्यास हो।
आस हो, अहसास हो।
मेरी जिंदगी की साँस हो।
मेरी खुशी, मैं तलाशता तुम्हें।
क्या तुम मेरे आस पास हो?
मेरी खुशी तुम कहाँ हो?
Kavitarani1
77
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें