क्यों सोंचता इतना / kyon sochna itna
Kyon sochta itna - click here to see video
हमें अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते समय कोशिश करनी चाहिए कि हमारा मन शांत हो, हर राही को ये विचार रखना चाहिए कि जब हमनें अपना सफर शुरु किया था तो वो किसी और के बल पर नहीं अपने बल पर किया था।
क्यों सोंचता इतना
अकेला चला था ना,
अकेला ही रह ना फिर,
क्यों आस लगाता है दुनिया से ?
क्यों सोंचता है लोगो की ?
क्यों सोंचता है वो भी याद करेंगे ?
कि वो तुझसे बात करेंगे ।
कौन था पहले तेरी बता ?
कौन सुनता था तेरी ?
कौन था पास तेरे ?
किसने आँसु पोंछे थे ?
किसने प्यार से सहलाया था ?
किसने दुलार किया था ?
जो तु अब सोंच रहा है ।
चल रही है ना जिन्दगी तेरी ।
खुश है ना तु पहले से ।
कोई गम तो नहीं खा रहा ना तुझे,
क्या कुछ बात सता रही तुझे ।
जो भी है मन में मुझे बता ।
क्या चल रहा तेरे मन में लिख जरा ।
ऐसे ना उदास हो ।
नहीं सुन रहा कोई तो रहने दे ।
अकेला ही था ना ।
अकेला ही रह ना फिर ।
क्यों सोंचता इतना ।
खुश रह ना,
खुश रहना ।।
Kavitarani1
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