सपनों के शहर में | Sapno ke shahar mein
सपनें मनमोहक होते हैं, यहाँ सब कुछ शानदार होता है। देखिए कैसा है कवि के सपनों का शहर।
सपनों के शहर में
सब मेरे अपने है,
सारे मेरे सपने पुरे है,
हर कोई खास है,
जो चाहा वो पास है,
प्यार है,
बहार है,
मौज है,
ओज है,
मेरे सपनों के शहर में ।
किसी से कहना ना पड़ता,
कोई ना आपस में लड़ता,
जो मिलता अपना,
जो सोंचो सब मिलता,
ना कोई फरेब है,
कोई ना ऐब है,
खाओ जितने सेब है,
सब कुछ यहाँ सेफ है,
मेरे सपनों के शहर में ।
हाँ मेरे अपनों के शहर में ।।
Kavitarani1
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