मुझे मुझमें रहने दो / mujhe mujhme rahne do
मुझे मुझमें रहने दो
हो मेरे अपने मुझे महसुस करने दो।
बहती रगों के खुन से ना परिचय दो।
होने दो वो बेहतरीन जो हो साथ मेरे।
जो बीता कल है मेरा मुझे भुल जाने दो।
मैं आजकल फिर रहता नहीं खुद में।
मुझे मुझ में रहने दो।।
कहना चाहूँ बहुत कुछ मुझे कहने दो।
रहना चाहूँ अकेला मुझे अकेला रहने दो।
सुनना चाहूँ प्यार के शब्द मुझे सुनने दो।
जो मिला नहीं अपनापन कभी मुझे वो जीने दो।
खिंचो ना वापस अपने जाल में मुझे दुर रहने दो।
मैं हूँ नहीं खुद में, मुझे मुझ में रहने दो।।
समझाऊँ कैसे-कैसे मैं जीता रहता हूँ।
अपने सुने मन को आबाद कहता रहता हूँ।
अकेलापन मुझे खाता है उसे समझाने दो।
आप लोग जो समझ ना सके कहीं और समझाने दो।
भर चुका है मन अब मुझे इसे खाली करने दो।
मैं रहता नहीं खुद में आजकल, मुझे मुझ में रहने दो।।
कहूगाँ नहीं अब फिर कुछ आगे से।
ना पुछुँगा कभी फिर आगे से।
सलाह साथ भी अपना अपने पास रहने दो।
मैं जी लूँ जरा इतना सा अकेला रहने दो।
कहो ना कुछ-कुछ ना समझाओ अब।
मैं आजकल विषाद में रहता हूँ।
मैं खुद में आ सकुँ इतना कहने दो।
मुझे मुझ में रहने दो।।
- कवितारानी।

टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें