लोकतंत्र | Loktantra




 लोकतंत्र; एक परिचय


कल्पनाओं को पंख देते हैं, 

सब मिलकर अंक देते हैं, 

यही बहुमत है,

यही विजय है,

यही जनतंत्र है,

यही लोकतंत्र है।


भाषा कई; 

परिभाषा कई,

जन-जन का चुनाव यही।

एक मत से सरकार बदल देते हैं।

बरसों से जमे जमाये तख्त बदल देते हैं। 

जब जनता चाहे अपने चहेते को विजय कराना,

तो लहरों के साथ परिणाम बदल देते हैं। 

यही जनतंत्र है। 

यही लोकतंत्र है। 


समय बदलता, 

परिस्थिति बदलती,

विजय काल में जो बदला,

जनता चुनाव में उसे बदलती।

जो जनसेवक बना रहता,

जो जन जन का मानस समझता,

जो हर समय एक सा रहता,

जो बेसहारो का सहारा रहता,

जनता फिर उसे समझती।

वही विजेता बनता,

वही नेता बनता,

वही जनतंत्र का रक्षक बनता।

यही जनतंत्र है।

यही लोकतंत्र है। 


आओ मिलकर साथ आए।

मतदान करे;

सच्चे सेवक को जीतायें।

देश सेवा को सर्वोपरि रखें। 

मानव सेवा को साथ रखें। 

हाँ त्याग रखें, 

स्वार्थ त्यागें। 

लोकतंत्र को मजबूत रखें। 

आओ मिलकर साथ चलें। 

लोकतंत्र को मजबूत करें। 

जनता का शासन है,

जनता को दे।

जनता के लिए शासन है,

जनसेवक को दे।

जनता के द्वारा शासन हो,

जननायक नेता चुने।

पॉच साल में आते अवसर हैं। 

मतदान करें। 

यही जनतंत्र है। 

यही लोकतंत्र है। ।


- कविता रानी। 


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