आगे बढ़ना होगा।
आगे बढ़ना होगा।
हो धरा शुर्ख, तपती जमीन।
आग बरसती हो आसमान से तो क्या।
लगे प्यास जोर से तो भी जीना होगा।
रहना है वजूद में तो आगे बढ़ना होगा।।
हो दुर्गम राह, काँटो भरा जहान।
हिम्मत तोङती रहे आती सर्द बया।
रह अकेले सब यूॅ ही सहना होगा।
रहना है वजूद में तो आगे बढ़ना होगा।।
हो दौर तुफां का, कङकती हो बिजलियाँ।
चाहे जल बन जाता हो जलजला।
हो कठिन समय तो भी रुके रहना होगा।
रहना है जो जीवन से जुङे, तो आगे बढ़ना होगा।।
हो भीङ भारी, कम होती ईमानदारी।
धक्के लगते भीङ में, ठोकरे रहे जो जारी।
एक धुन बनाये, खुद ही अपनी राह बनाए चलना होगा।
रहना है वजूद में तो आगे बढ़ना होगा।।
-कविता रानी।
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