जयकार हो
जयकार हो।
अपनी आजादी पर सिर कई न्योछावर हुए।
लङते-लङते वीरों पर घाव असहनीय हुए।
हुए लाल जो शहीद देश पर उनकी शहादत को नमन हो।
हर दिन तिरंगे का हो, हर दिन वीरों की जयकार हो।।
लङ रहे जो सीमा पर वो वीर हमारी शान है।
खङे हैं डटकर पहरे पर वो हमारी आन है।
देश की खातिर आखिर कितनो ने ही है जान दी।
दी जान जिन वीरों ने उनका सदा सत्कार हो,
उनकी हमेशा जय जयकार हो।।
दुनियाभर में भारत मां का जो सिर ऊँचा करते हो।
आज की इमारत को ही नहीं, जो इतिहास सहेज रखते हो।
कर सेवा जीव जगत मां भारती के मन में जो बसते हो।
हर उस भारती के लाल की भी हमेशा जयकार हो।
भारत मां के सपूतों की हमेशा जय जयकार हो।।
-कविता रानी।
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