मुकाम (mukam)
अब मुकाम मिल गया।
जो चाहा था बचपन में कभी।
वो सहारा बन गया।
आज खङा हूँ जिस जगह मैं।
आज पाया है आशियाना जो।
वो सपना मेरा मिल गया।
लग रहा अब मुकाम मिल गया।
अब बंदिशे ज्यादा नहीं।
अब बोझ ज्यादा नहीं।
देख रहा हूँ जहाँ से मैं।
लग रहा जीवन सफल हो रहा।
आज खङा हूँ जहाँ।
लग रहा मुकाम मिल गया।।
- कविता रानी।
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