प्रगति पथ पर | Pragati path par


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अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने पर हमें कई बाधाओं का सामना करना पङता है, परन्तु एक दृढ़ निश्चयी पथिक को अपनी चुनौतियों से ध्यान हटाकर बस अपनी सफलता पर ध्यान देना चाहिये। सब भूलकर जो अपनी धुन में चलता है उसे सफलता जरुर मिलती है।

प्रगति पथ पर


जब चुन ली मंजिल, तो परवाह दुनिया की छोङनी होगी।

प्रगति पथ पर आगे बढ़ने को, राह नयी चुननी होगी।।


फिर कौन सगा? कौन पराया? सब रिश्ते नाते छोङने होंगे।

पानी है  मंजिल तो , खुद की राह चुननी होगी।।


प्रगति पथ पर, कांटे हैं, पत्थर है, कहीं खाई है।

जो एक लक्ष्य दृढ़ निश्चय से बढ़ा, उसी ने मंजिल पाई है।।


कौन क्या कहे? कौन, क्या सोचे परवाह छोङनी होगी।

प्रगति पथ पर आगे बढ़ने को, अपनी कमियाँ छोङनी होगी।।


ये दुनिया है मतलब की, ये आपको आगे बढ़ने ना देगी।

जो चुनी राह हटकर तो, खुद अपनी राह बनानी होगी।।


प्रगति पथ पर दुनिया से ज्यादा, खुद की सुननी होगी।

मंजिल तक पहुँचने में राह से कठिन राहगीर की पसंद होगी।।


पानी है मंजिल जो, होंसलो की उङान भरनी होगी।

खुद को अपनी राह चुननी होगी, खुद की कमियाँ  दूर करनी होगी।।


- कविता रानी।



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