एकांत में। (shayari/ quotation)
एकान्त में•••
अचरज नहीं हुआ कि तुने अपना असली रूप दिखाया।
तुझे देख हीं संकेत मिल गया था कि तु दोखा देगा।।
जहाँ अपने सगे-सगे ना बने रहे वहाँ तुझसे क्या उम्मीद करुँ।
तु तो रक्त और जमीन से भी पराया है तेरा क्या विश्वास करुँ ।
कुछ खास है मेंरे सपनों में जो मुझे सोने नहीं देते।
जब पाने को इन्हें मेहनत करुँ तो यही है जो रोने नहीं देते।
एक मुकाम मिला है मिन्नतो के कबुल होने से।
वरना मेहनत करते-करते तो सालों हो गये ।।
लोग कहते है सब मेहनत से मिलता हैं।
पर जब भी पलट कर देखा पाया जैसे सब लिखा लिखाया है।।
अपनी कलम और डायरी से सच्चा मित्र कोई बन ना पाया।
जो आया इसके सिवा, वो बस अपने स्वार्थ से आया।।
कुछ खास नहीं बस अफसोस करते है।
पता है ये भी धोखा देगी, पर बात करतें हैं। ।
खुद ही लड़ना और खुद ही रुठ जाना, क्या ही फितरत है।
लडकियों की समझ से परे इनकी आदत है।।
अगर कोई कहे मुझे दुनियाॅ हसीन दिखती हैं।
तो मैं कहूँगा तुझसे ख़ुशनसीब कोई नहीं हैं।
कोई दावा करे कि उसने असली प्यार पाया है।
तो मैं उसे लाख बधाई दूँगा कि क्या नशीब पाया है।।
आसान है भरोसा पाना किसी का भी चाहे समय लगे।
पर उससे भी आसान है भरोसा तोड़ना जिसमे एक सेकंड ना लगे।।
जो मिला उसमें खुश रहना तो है' जिदंगी'।
पर जो चाहा वो पाकर 'खुशनसीब होना है जिंदगी'।।
वैसे तो पुरी ख्वाहिशें होगी नहीं, यकीन है मुझे।
क्योंकि मन है जो प्यार का भुखा जो मिला ना मुझे। ।
वो कोई ख्वाब है तो चलो सो जाता हूँ ।
हकीकत में जागते रह-रह आँखे सूज आयी हैं। ।
वफा का नाम मन लगाना हो गया है।
जो मन ना लगाये रख सके वो पुराना हो गया। ।
रिश्तो की बेरुखी गजब है, दो दिन बात ना करो ।
तो कमज़ोर धागे से हो जाया करते हैं। ।
अक्सर वो लोग ज्यादा याद रहा करते हैं, जो ज्यादा सताते हैं।
प्यार करने वाले तो सहज ही अपना बने होते हैं। ।
कोई किसी को खास ना बनाया करे।
वो खास ही है जो मन दुखाते हैं। ।
कसुर नजरों का जो दिल को लगा देती हैं।
फिर दिल का कसुर जो नजरों की तलाश करती हैं। ।
वो बचपन मुझे नहीं चाहिऐ जहाँ मेरी इच्छायें दबा दी गई थी।
मुझे मेरा आज पसंद जहाँ मैं आजाद हूँ अपनी मर्जी से जीने को।।
जो बुरे हैं भाड़ में जाये, अब रुख मेरा बदल गया है।
मुझे चुप रहने दो,वरना दहाड़ से परदे फट जायेगे।।
कुछ लोग जरुर मिलेगे सफर में।
जिन्हें आप पसंद हो, पर वो आपको ना बोलने देंगे ना चुप रहने देगे।।
चलो जैसा था कट गया सफर मेरा।
सफर में मिले सब भले लोगों को अलविदा मेरा।।
जो मिले बुरे लोग उन्हें क्यों याद कर जिक्र करूँ।
काँटो को तो निकाल फेंक दिया जाता है और सावधान रहा जाता है। ।
सुना है वो महफिले आज भी आबाद है जो छोङ चुके हैं हम।
चलो अच्छा है हमारे बगैर भी दुनिया चलती हैं किसी की।।
मुश्किल ये नही है की वो मेरे बिना हस रहे हैं।
मुश्किल ये है की साथ कोई और भी हॅस रहा है। ।
वो वादे और वो आँसु झूठे ही होंगे या रोग था जो ठिक हो गया।
वरना कौन पहले से बहतरीन लिबाज मे हसेगा यहाॅ। ।
जीना आसान है जरुरतो के बगैर भी।
बस भुखा ना सोये कोई अभागा भी। ।
सजाये मुकम्मल होंगी जो सब गुनेहगार हैं।
मुझे यकीन है संदेश मुझ तक भी आयेगा ही।।
अब सब भुल फ़िर से आगे बढ़ना होगा।
चाँद पुनम का और सुरज दिन का बनना होगा। ।
लाखो हैं सितारे पर रोशनी चाँद की आती हैं।
बड़ी भिन्नतो और मेहनतो से ये घड़ी आती हैं। ।
कोई होगा तो आके हाथ थाम लेगा और चलेगा साथ मेरे।
अब तलाश और किस्मत के भरोसे नहीं रहना मुझे। ।
-कविता रानी।
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