तुम याद आते हो। (tum yad ate ho )


 

तुम याद आते हो।


जब तन्हाईयों में, मैं खोया रहता हूँ।

बैठ अकेले सपने देखा करता हूँ।

तो याद आता है कल का जमाना सारा।

और फिर तुम याद आते हो।।


वो तुम्हारे होंठो की मुस्कान याद आती है।

वो तुम्हारे गालों की लाली याद आती है।

वो तुम्हारे माथे की बिन्दिया याद आती है।

वो  तुम्हारे सिर पर लगा सिन्दूर याद आता है।।


किसी की मुस्कान से तुम याद आते हो।

किसी की बातों से तुम याद आते हो।

किसी को देखने से तुम याद आते हो।

किसी को सोचने से तुम याद आते हो।।


जब बैठ अकेले खोने लगता हूँ।

रह एकांत साथ महसूस करता हूँ।

तब तुम्हें ही पास पाता हूँ।

समझ आता कि मैं तुम्हें याद करता हूँ।।


फूलों की खुशबु जब लेता हूँ।

किसी मंदिर की सीढ़ी जब चढ़ता हूँ।

कहीं घूमने जाने की जब सोंचता हूँ।

तो बस पहले तुम याद आते आती हो।।


मेरे जीवन सफर के बारे में सोंचने पर।

मेरी मंजिल पर साथ रहने पर।

मेरी दुनिया बसाये रखने के खयाल पर।

बस तुम याद आते हो।।


आजकल मुझे बस तुम याद आते हो।

आजकल मुझ पर तुम छाये रहते हो।

आजकल बस तुम याद आते हो।

बस तुम याद आते हो।।


- कविता रानी।



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