चिङियाएं / chidiyayen

 


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चिङियाएं


खोल पंख उङती है।

खिलखिलाकर हॅसती है।

समझती है बातों को सब मेरी।

बेमतलब उङा करती है।

ये चिङियाएं यहीं घूमा करती है।।


अंदाज इनके निराले हैं।

अठखेलियाॅ इन्हें आती है।

बङी खूब जमकर रहती है।

ये चिङियाएं यहीं घूमा करती है।।


दाने-दाने कर खाती है।

हर बात पर कुछ बतलाती है।

मेहनत का रंग इन पर जमता है।

इन चिङियाओं का यहाॅ घरोंदा है।

सबके मन को भाती है।

समय पर ये आती है।

हर पल मस्त रहती है।

ये चिङियाएं यहीं घूमा करती है।।


- कविता रानी। (KR)



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