मेरा सिखना जारी है।
मेरा सिखना जारी है।
मेरा सिखना जारी है, फिर नई तैय्यारी है।
मैं रुका नहीं ना रुकने की कोई बात है।।
मैं कल ही आया हूँ, अपनें प्रशिक्षण में खोया हूँ।
वहाँ कि हवा में बंधा हूँ, अभी जैसे मैं नया हूँ।।
मांऊट आबू की वो ठंडाई याद है, दिन की धूप याद है।
सुबह का व्यायाम याद है, दिन की क्लास याद है।।
मैं अपनें आप में अभी सिमटा हूँ,
दुनिया से अलग महसुस करता हूँ ।
मुझे भौर का उठना अच्छा लगने लगा है।
और रात को जल्दी सोना जमने लगा है।।
समय पर काम अब आदत बन गई है।
व्यवस्थित चीजों को रखना जम गया है।।
मुझे मेरी टोली परिवार सी लगती है।
फोन कर पूछता हूँ भाई तबीयत कैसी है।।
वो शुरुवात के पंजीकरण की याद है।
वो अंत की सर्वधर्म प्रार्थना याद है।।
यादों के नये किस्से लिख आया हूँ।
मैं स्काउट कैंप में बहुत सिख आया हूँ।।
अभी ये जैसे शूरुवात है,
मेरा सिखना अभी जारी है।
आगे के प्रशिक्षण कर और खुद को निखारना है।
मुझे और आगे सिखते रहना है।।
मैं घर आकर रुका नहीं, ना रुकनें की बात है।
मेरा सिखना अभी जारी है, फिर नई तैय्यारी है।।
-कविता रानी।
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