हम राही वो । Hum rahi vo
मंजिल के सफर में सच्चे साथी का साथ होना बहुत आवश्यक है। एक सच्चा साथी हमें अपनी मंजिल तक पहुँचने मे बहुत सहायता करता है। ऐसे ही सच्चे साथी अर्थात् हम राही के लिए एक सुन्दर कविता - हम है राही वो ।
हम राही वो।
जो पल भर में दुख समझ ले।
सुख की चाह को राह दे।
हम राही वो जो साथ दे।।
हो दुख-सुख पास रहे।
दुनिया हो कैसी ही खास रहे।
मन के साफ रहे।
तन के खास रहे।
हम राही वही जो दिल में रहे।।
हो पल बुरे तो राह दिखायें।
हो पल हसीन तो मदहोशी दिखायें।
हम सफर रहे, साथी रहे।
हम राही वो जो साथ रहे।।
- कविता रानी।
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