मैं भक्त भोले का।
मैं भक्त भोले का।
रत में अपनें आप में।
विरक्त हूँ अपने आप में।
नर हूँ नशा करता हूँ।
नशा करता हूँ ताप में।
भला चाहूँ सबका,
सबको रखना चाहूँ पास में।
मैं भक्त भोले का।।
करुँ सब अपने मन का मैं।
सुनू सबकी , सबकी सुनता रहूँ ।
अपनी करुँ, अपनी करता रहूँ।
रहूँ धून में अपनी मैं।
रहूँ खोया आप में।
मैं भक्त भोले का।
रहूँ मग्न अपने आप में।।
- कविता रानी।
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