आज की बात कर | Aaj ki bat kar
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हमनें देखा है कि लोग हमेशा अपने दुखड़े सुनाते रहते हैं, और अपनी असफलता पर समय, परिस्थिति, लोगों को दोष देते रहते हैं। जबकि हमें अपने आज की बात करनी चाहिए। हमें हमेशा आज की बात करनी चाहिए, क्योंकि यही है जो स्थिर है बाकि सब परिस्थिति, समय अनुरूप बदलते रहते है। इसी पर कविता - तु आज की बात कर ।
आज की बात कर।
गये गुजरे किस्सों की बात ना कर।
जो छोङ गये उन लोगो की बात कर।
ऐ रवि तू सुन कौन तुझे अपनी बताता है।
तू आज जो साथ है, तू बस उनकी बात कर।।
जो तेरे होते वो तो छोङ जाते क्यों।
अपनी तारीफों में से तूझे भूलाते क्यों।
ऐ रवि तू ही सोंच कौन सच साथ था।
तू जो आज है उस सफर में वैसे भी कौन साथ था।।
जो चले गये उनका ना अफसोस कर।
जो भुल गये उनको ना तू याद कर।
ये वक्त तेरा है इसे तूने बनाया है याद रख।
जो सच्चे मन से पास है बस उसे साथ रख।।
तेरे चाहने वाले तेरा स्वार्थ से साथ ना देंगे।
हर खुशी गम में तेरा साथ देंगे।
तू बस उन्हीं के साथ हिसाब रख।
तू बस आज की बात कर।।
- कविता रानी।

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