मंजिल अभी बाकि है। (manjil abhi baki hai)
मंजिल अभी बाकि है।
रुक गया हूँ, मैं हारा नहीं।
सोंच रहा हूँ, लक्ष्य छोङा नहीं।
बस एक पल की दूरी है।
वो उङान मेरी अधूरी है।
वो सपना मेरा बाकि है।
वो मंजिल मेरी बाकि है।।
एक ख्वाब सजाया था जो बचपन में।
उसे पाना है मेरे जीवन में।
उसकी चाहत है वो पूरी करनी है।
मूझे मेरी कहानी पूरी करनी है।
है जिसमें मेरी रानी साथ।
आराम, ख्वाब, और राज़।
खास लोगों की है उसमें बात।
वो जिन्दगी जीनी है एक बार।
मेरी मंजिल की दूरी है।
और राह की मज़बूरी है।
बस कुछ दिन जरुरी है।
बस कुछ दिन जरुरी है।
अभी जिन्दगी मेरी बाकि है।
अभी मंजिल मेरी बाकि हैॆ।।
- कविता रानी।
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