ये जिन्दगी ( ऐसे ही कट जानी है जिदंगी ये) / ye zindagi


दिन रात मेहनत करते हम भूल जाते हैं कि कैसे जीवन केवल सपनें देखने में नहीं हकीकत में जीने में भी है। क्योंकि हम कुछ करें या ना करें पर जीवन नहीं रुकेगा ।

 ये जिन्दगी 

(ऐसे ही कट जानी है।)


ये रात कट जानी है।

ये दिन गुजर जाने है।

ये पहर बित जानी है।

ये जिंदगी निकल जानी है ।।


बस यादों बिसात होगी।

लम्हों की साज होगी।

सालों की बात होगी।

ये जिंदगी आबाद होगी।।


फिर कोई कहानी होगी।

फिर कोई किस्से होंगे।

फिर कोई पास होगी।

फिर जिंदगी खास होगी।।


ये बात रह जानी है।

ये मुलाकात रह जानी है। 

ये भाव रह जाने हैं।

ये घाव रह जाने हैं।।


बस सदाओं में बात होगी।

किस्सों में याद होगी।

सपनों में रात होगी।

और जिंदगी कट जायेगी।।


फिर कोई खास ना होगी।

फिर दिल की बात ना होगी।

फिर आस ना होगी।

फिर तु पास ना होगी।।


ये बात रह जानी है।

ये राज रह जानी है।

ये मुलाकात रह जानी है।

ये जिंदगी ऐसे ही कट जानी है।।


- कविता रानी।


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