पुकार
Bharat mata ki पुकार
सुन रहे हो !
अरे मेरे वीरों,सुन रहे हो!
मै माँ भारत,तुम्हे बुलाती।
आवाज़ मेरी तुम सुन लो।
माँ कहते हो मुझे तो मेरी बात को।
क्या से क्या हो रहे हालात को।
समझो तो सही तुम लाल हो मेरे।
मेरे गाँव-गाँव, शहर-शहर बसते,
अभिमान हो मेरे।
मेरी आन है मुझमें,
जो तुम गौरवाचित हो कहीं।
मेरी जान है मुझमें,
जो तुम आशान्वित रहो कहीं।
अपना विवेक जगाओ जरा।
विवेक अपना जगाओ तो।
क्या सहीं है, क्या गलत,
कहाँ है नुकसान मेरा,
समझ जाओ जरा।
आशीष देती मैं सदा,
खुश रहो,आबाद रहो तुम।
तुम ही मेरी शान हो,
सुन रहे हो जो मुझे।
समझो क्या पुकार रही मैं।
समझो अब मुझे।
मैं माँ भारती।
तुम्हे पुकारती।।
Kavitarani1
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