कृष्ण आओ मधुर मुस्कान लिये
कृष्ण आओ मधुर मुस्कान लिये
आयी है बरखा आया सावन।
हरियाली की चादर ओढ़े धरती मगन।
बादलो की छाव है,हवा नम।
शीतलता छायी है,धरती पावन।
नयनों को अविराम कर,गाये भजन।
राह सजाये,सजाये भवन।।
आया भादवा,आयी नई उमंग।
सजाया है मैंने मन आंगन ।
सबके मन मे छायी है तरग।
दर्शन हरि के पाये होये अमर।
प्रभु मेरे आस जगी,जगा है मन।
आओ पाधारो घर करो पावन।।
कृष्ण आओ मधुर मुस्कान लिये।
पाप मिटे सबके जो होये दर्शन।
अपनी छटा से हटे दुख-दुर्जन।
सबके मन को कर दो तुम सुजन।
आओ घर प्रभू गुरूवर।
राह तके भक्त करे किर्तन।
कृष्ण आओ मधुर मुस्कान लिये।
राह पर लगाये हमने दिये।
मुरली मधुर धुन बजाओ भगवन।
मिटे दुख बने मन सज्जन।
मोर पंख रखा मेरे आंगन।
भेट करुँ माखन और मेरा मन।।
गया सावन गरजे बादल भादवा बन।
होये ना प्रलय भय करो खतम।
गिरधर नागर,गोपाल,तुम रक्षक।
रखता में भक्त अपना भय और पक्ष।
अश्रु से धोऊँ चरण कमल।
दर्शन दो है मुरलीधर।।
कृष्ण आओ मेरे घर पर।
पुजा करूँ दिनभर दर्शन।
कृष्ण आओ मधुर मुस्कान लिये।
हम जिये तेरे दर्शन दिये।
आओ सताओ ना मेरे भगवन।
आओ मधुर मुस्कान लिये मेरे भवन।।
कृष्ण आओ मधुर मुस्कान लिये।
दर्शन के सहारे हम है जीये।
कृष्ण आओ मुरली बजाओ भगवन ।
पार लगाओ कृपा करो भगवन।
कृष्ण आओ मेरे भवन।।
Kavitarani1
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