आज चाँद नया था | Aaj chand naya tha | Today moon was new
आज चाँद नया था
रोज देख रहा था, पर आज कुछ खास था।
ये शरद ऋत का या मेरे मन का कमाल था।
बड़ा प्यारा लग रहा था।
बड़ा सुन्दर लग रहा था।
चाँद आज खुबसुरत लग रहा था।
सब ओर चाँदनी फैली थी।
रोशनी बहुत प्यारी लग रही थी।
नजर चाँद से हठ नहीं रहीं।
एक नयी सुरत उसमें दिख रही थी।
आज हवायें भी मध्यम चल रही थी।
आसमां खुला था, और तारों की चुनर ओढे था।
ठण्डी हवायें अब ठण्डी नहीं थी।
गर्मी-गर्मी अब जितनी नहीं थी।
अब अच्छा लग रहा था।
आज चाँद खुब जल रहा था।
आज चाँद नया लग रहा था।
मन कर रहा था बैठ बस देखता रहूँ।
लिखूँ ना, कहूँ ना, बस देखता ही रहूँ ।
बड़ी शांति लग रही थी।
शीतलता मन हर रही थी।
एक नई ऊर्जा मिल रही थी।
जिंदगी कुछ कह रही थी।
लग रहा जैसे, जैसे चाँद अपने रण से गर्वीत था।
कुछ शर्मा रहा था कुछ कह रहा था।
चाँदनी मुस्कुरा रही थी।
सब ओर प्यार लुठा रही थी।
मैं भी आज लुट रहा था, एकांत में बैठा था,
देख रहा था कि आज चाँद नया था ।।
Kavitarani1
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