कुछ तो बता
कुछ तो बता
जाऊँ कहाँ.......कहूँ किसे ।
अब तो हर दिन अधुरे मेरे किस्से ।
यादों का गुलदस्ता हैं ।
गमों की बारातें हैं ।
अब तो हर दिन मेरी बातें हैं ।
हर अनजान भी मेरी बात करता ।
चेहरा देख मुलाकात करता ।
भुल जाता मेरे कल को ।
बस मेरी बात करता ।
गम छूपाऊँ कब तक बता ।
मुस्कुराऊँ ऐसे कब तक बता ।
अब जाऊँ कहाँ, कहूँ किसे ।
जिंदगी मुझे बता ।
करूँ क्या मुझे बता ।
अब तो और खाली लगता है ।
अकेले में मन डरता है ।
कोई पास आयें नजदीक बता ।
मुझे अपनी चाह बता ।
अब तो दम भरने लगा है ।
अब तो मन मरने लगा है ।
क्या करूँ कुछ तो समझा ।
कहाँ जाऊँ किसे कहूँ ।
कुछ तो बता ।।
Kavitarani1
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