दिन गुजार दिये | Din gujar diye | Day lost
दिन गुजार दिये
पुरे-पुरे दिन नेट पर बिता दिये।
सुकून भी आ गया पर लक्ष्य के कदम खो दिये।
करनी भी मेहनत खुब।
पर दिन यूँ ही गुजार दिये। ।
दिन भर रील्स देखी और स्टाॅरीया देखी।
जो कभी स्थिर ना रही उन लड़कियों से बात की।
मैसेज किये यूँ ही किसी को, यूँ ही लोगो से बात की।
खुब समय था महिने भर, पर दिन यूँ ही गुजार दिये। ।
महदोश ना था गम में इस बार।
ना कोई दर्द था पुराना कहीं।
कोई रुकावट लगातार ना थी।
ना थी बंदिशे दिन भर ही।
दिन भर सोचा लक्ष्य को, जीवन के भविष्य को।
दिन भर चाहा महत्व को, बेहतरीन जीवन को।
समय था मिला अभी बहुत।
पर दिन यूँ ही गुजार दिये। ।
Kavitarani1
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