मैं अकेला चल रहा | Main akela chal rha
अपने लक्ष्य को पाने के लिए राही को हमेशा अकेले ही आगे बढ़ना चाहिए। अकेले में खुद की प्रेरणा खुद ही बनकर आगे बढ़ना चाहिए। अपने आप को अपना साथी बनाकर चलना चाहिए। यही एक सच्चा आत्मनिर्भर जीवन है।
मैं अकेला चल रहा
पलकों पर ख्वाब सजाये, नींदो को बीस्तर पर छोडे़।
कुछ खुश अपने आज से, कुछ बुरे लोगों से सिखते।
मैं खुद से बातें कर रहा, मैं अकेला चल रहा।।
अपने वजूद को टटोलता, अपने कल को मोलता।
तोलता अपने आज को, बोलता अपने आप को।
मैं अपनी राह खुद चुन रहा, मैं अकेला चला रहा।।
कुछ लोग मिल रहे अनजाने ही, कुछ लोग चुन रहा जाने ही।
जो मन को भाये साथ ले रहा, जो मन खाये दुर कर रहा।।
मैं अपनी जिंदगी बुन रहा, मैं अकेला चल रहा।।
रिश्ते है खुब कहने को, लोग है खुब साथ रहने को।
मैं भीड़ में से लोग चुन रहा, कुछ ही लोगों से मैं बुन रहा।
मैं आगे बढ़ रहा, मैं अकेला चल रहा। ।
सपनों का शहर बाकि, मेरे महल का काम बाकि।
कुछ पुरे कुछ लक्ष्य बाकि, मेरी राह की मुश्किलें बाकि।
मैं मुश्किलों से खुद लड़ रहा, मै अकेला चल रहा। ।
मैंने परखे है लोग सारे, जिंदगी के दौर सारे।
कोई ना बन पाया मेरा तो मैं अकेला चल रहा ।।
Kavitarani1
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