मेरे गम | mere gum | my grief
मेरे गम
मेरे सपने बहुत है,
जैसे तेरे अपने बहुत है ।
पर सपनों में एक भी पुरा होता नहीं,
जैसे अपनों में कोई एक मुझे मन से पुछता नहीं।
मेरी बातें बहुत है ।
जैसे मेरी यादें बहुत है ।
पर एक भी बात पत्थर की लकीर नहीं।
जैसे मेरी यादों में कोई एक यादगार नहीं।
मेरे दोस्त बहुत हैं ,
जैसे मेरे दोस्त बहुत है ।
पर दोस्तो में एक भी खास नहीं,
जैसे मेरे दोस्तो में कोई मेरे आस पास नहीं ।
मेरी सहेलियाँ बहुत है ।
जैसे मेरी पहलियों में एक भी सच्ची नहीं ,
मेरे गम बहुत है ,
जैसे मेरे में दम बहुत है ।
पर गम एक ही कभी रहता नहीं ,
जैसे दम मेरे में भरता नहीं .
मेरी इच्छाये बहुत है ,
जैसे मेरी अभिलाषायें बहुत है ।
पर इच्छायें मेरी पुरी होती नहीं,
जैसे अभिलाषायें साफ होती नहीं ।
मेरे सपने बहुत है ।।
Kavitarani1
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