राही | Rahi | Rahgeer
राही
ओ राही रे, थोडा सब्र कर ले ।
ठहर जा कुछ पल तु, कुछ पल थम जा ।
दूर तक जाना तुझे, सास ले ले आ ।
ओ राही बावरे, थोडा ठहर जा ।।
जाना है दूर तक तुझे ।
आ पास मन हलका कर जा ।
मैं हूँ बावरा मन तेरा, तेरी हाँ ले रहा ।
पुछ रहा हूँ, तुझे मेरी बात मान जा ।
जाना है दूर तुझे, साहस कुछ भर जा ।
ओ रे राही, थोडा सब्र कर ले जरा ।
सामना होगा पर्वत, पठार,सागर से ।
लोग मिलेंगे बहुत, थोडा साहस भर जा ।
ओ रे राही, बावरा ना होना ।
पहुँच जायेगा मंजिल को ।
थोड़ा आराम तो कर जा ।।
जाना है दूर तुझे थोड़ा ठहर तो जा ।
ओ राही रे, थोड़ा सब्र कर ले जरा।।
जाना है दूर तक जो, थोडा मेरी सुन ।
बैठ कुछ पल को मेरी सुन जा ।
जल्द बाजी कर ना, आराम से सफर कर जा ।
ओ रे बावरे राही रे, थोड़ा रूक जा ।।
Kavitarani1
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