सोनिये | Soniye | my love
सोनिये
रातें जागना और तारे गिनना ।
इतना नहीं कर सकता मैं ।
तु मिले और खुश रखूँ तुम्हें ।
इतना सोंच सकता हूँ मैं ।
मेरी सोनिये,
तु मुझसे ज्यादा समझ वाली है ।
कैसे पाऊँ तुझे ।
देखे इतने चेहरे,
कैसे पहचान पाऊँ तुम्हेें ।
कैसे पाऊँ तुम्हें ।
सोनिये तु सपने में सुन्दर मेरी कहानी है ।
तु मेरी रूह की प्यास,
मेरी जवानी है ।
दूर कब से तुझसे,
कैसे मन समझाऊँ में ।
कब मिलेगी कहो,
कैसे मन लगाऊँ मैं ।
मेरी सोनिये,,,,,,,,,।
Kavitarani1
49
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें