बसंत आया | Basant aya
बसंत आया
कड़ाके ठण्ड से सिहर गये थे ।
बाहर जाने से भी डर गये थे ।
रह गये थे सिमट कर खुद ही में ।
रह गये थे लिपट कर खुद ही में।
अब बसंत आया, बहार लाया ।।
अब मन भाया, मौसम नया आया ।
कुछ गिरते पत्ते उड़ते ।
शीतल हवा के झोंके चलते ।
तन को सुकून आया ।
पवन के वेग में बदलाव आया ।
खुश करता बसंत आया ।।
आया बसंत पतझङ भी आयेगा ।
खुशहाल ये मौसम भी बदल जायेगा ।
मन खोया वापस आयेगा ।
तन नये भाव लायेगा ।
ये मौसम ऐसे ही बदल जायेगा ।।
जैसे बसंत आया वैसे खुशियाँ आयेगी ।
कुछ पल ही जीवन रंग भायेगी ।
ये घडियाँ इन्हें कहानी गायेगी ।
ये मौसम याद रहेगा।
ये बसंत याद रहेगा ।
Kavitarani1
98
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें