फरेब | Fareb | Fraud
फरेब
बड़ी शिद्दत से मिलता है प्यार सच्चा।
और सच्चा रहना है मुश्किल। ।
जो मिल जाये दिलदार तो नसीब ।
बदनसीब वो जो बदल जाये देख तस्वीर। ।
दुनियाँ गहराई का नाम देती ।
है कितनी मोहब्बत बता देती ।
जो करें बात प्यार की कहीं और फिर ।
वो सच कहाँ प्यार फिर ।।
एक रास रस का एक सागर को ।
दरिया हो तुम तो सुनो ना राहों को ।
भरे तालाब में मिठे बने रहने भाव लाते ।
सागर से मोहब्बत है दोहराये जाते ।।
फिर बढ़ आगे सागर की गाते ।
कैसे पवित्र जल का दरिया कहलाते ।
कैसी मोहब्बत को सुनाते ।
छोड़ गये निशान मिटा ना पाते ।।
राहगीरों को झूठा पाठ पढ़ाते ।
कैसे सागर को पाकर खुश रह पाते ।
बहते रहे जीवन भर, कैसे सुख पाते ।
मधुरता कहाँ पाते ।।
Kavitarani1
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