खोफ कही, khof kahin
खोफ कही
क्या है सीला, मिला इश्क में,
समझाना मुश्किल हो रहा।
जीये जा रहे है साँसो के दम पर,
पर कहा ना दर्द जा रहा।
आँसु, गम है की छुपाया जा रहा।
हाल क्या है मेरे दिल का,
जमाना है कि दबाता जा रहा।
वो कही है अपनी दुनियाँ में खुश,
और खुश हूँ मैं ये कहा जा रहा ।
दिल की तस्वीर है धुँधली अब।
साफ है की दर्द खोता जा रहा ।
आवाजें कहीं गुम हो चुकी।
अब दिल दुबारा खिला जा रहा।
दिल में बोझ है अब कम,
गम कहीं गुम होता जा रहा ।
मेरे दिल को अब नया जमाना भी,
कम ही समझ आ रहा ।
लग रहा जैसे खोफ है कहीं।
खोफ है कहीं।
Kavitarani1
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