मैं बदलाव चाहता हूँ | Main badalav chahta hun


मैं बदलाव चाहता हूँ- वीडियो देखे

जब हम एक जगह लम्बे समय तक बैठ जाते हैं या  रुक जाते हैं तो मन से हमेशा एक आवाज आती हैः मैं बदलाव चाहता हूँ। अपने मन और मस्तिष्क की शांति के लिए हमें उस समय बदलाव को स्वीकारना ही पङता है।

 बदलाव चाहता हूँ 


कुछ गुमनाम सी लगने लगती है । 

ये जिंदगी नुकसान सी लगने लगती है । 

लगता है जैसे सब बर्बाद कर रहा । 

मैं यहाँ अपना समय खराब कर रहा ।।


कुछ बदलाव चाहने लगता हूँ । 

मैं हर दिन बदलते रहना चाहता हूँ ।

मैं रूकने के पक्ष में था नही कहीं ।

मैं यहाँ भी रूकना नहीं चाहता हूँ ।।


आवाज़ दी है मैंने फिर सुने ईश्वर मेरी ।

दरखास्त दी है मैंने, लगे आस अब मेरी ।

फिर नया दर तलाशना चाहता हूँ । 

मैं नयी दुनिया में जाना चाहता हूँ ।।


कुछ कहा नहीं किसी ने ।

कुछ सुना नही किसी से ।

मैं अपना आलाप रागना चाहता हूँ । 

मैं बस एकान्त मैं जाना चाहता हूँ ।।


बदनाम होने लगा हूँ यहाँ भी । 

मन पर चढ़ने लगा हूँ यहाँ भी ।

यहाँ भी स्थायी समझने लगा हूँ जो ।

यही भ्रम तोड़ना चाहता हूँ मैं जाना चाहता हूँ ।।

 

मैं यहाँ से दूर जाना चाहता हूँ । 

कुछ और पाना चाहता हूँ । 

बहता दरिया हूँ इस धरा का मैं । 

नये किनारे पाना चाहता हूँ । 

मैं नयी जगह जाना चाहता हूँ ।

मैं बदलाव चाहता हूँ ।।


Kavitarani1 

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