Sukh gye naina | सुख गये नैना
सुख गये नैना
ओ रे बावरे पिया, खाओ ना यूँ भाव।
सुख गया है मेरा तो, सुख गये हैं नैना।।
नैना बह - बह कह रहे, तरसाओ ना।
ओ रे बावरे हिया, और जलाओ ना।।
तिन - तिन तिनके सा, घोंसला बनाया।
तिल- तिल जल - जल, होंसला बढ़ाया।।
बढ़ायी हैं घङियाँ।
घङियाँ बीती जाये।
मेरी सुख वाली सुबह, मेरी शामें बीती जाये।
जाये ना प्राण कहीं, आ जा रे जीया।।
सुख गया है मेरा तो, सुख गये हैं नैना।
सुख गया है मेरा तो, और सुख गये हैं नैना।।
ख्वाबों में देख - देख, नींदिया गंवाई।
कल्पना कर- कर सच से रुसवाई।।
आई ना झलक, पल भर तु आई ना।
सुनी रही बाहें, सुने रहे नैना।।
राह तक - तक, अब थक गये नैना।
सुख गया योवन का, बह - बह सुख गये नैना।।
ओ सुख गया जीवन का मेरे, सुख गये नैना।
खता हुई कैसी, कैसी है रुसवाई।
आवाज आई ना तेरी, दिखी ना परछाई ।।
छाई रही सपनों में, साथ नहीं आई।
खोजता फिरूं जग- जग, जग से छिपाऊँ।।
बैठ अकेले लिखता हूँ, सपने बुनता हूँ।
सपने रुठे अब, अब तो तु आजा।।
सुख गया मेरा तो।
सुख गये नैना।।
- kavitarani1
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