सुकुन मिल जाये | sukun mil jaye
सुकुन मिल जाये
कुछ ख़ास नहीं ख्वाहिशें मेरी ।
बस सुकुन आ जाये ।
मौत से डर नही लगता मुझे।
बस जिंदगी मुस्करा जाये।
अंधेरा बहुत है चारों ओर ।
कोई दीप नया जला जाये ।
मैं पत्ता पतझङ का गिरने वाला ।
बसंत कोई ले आये ।
जी लिया मैं खुब अपने आप में ।
अब साथ कोई दिल को भा जाये ।
आराम नहीं पसंद मुझे ।
बस राहें धीमीं हो जाये ।
उड़ना चाहूँ खुलें आसमान में ।
कुछ बंधंन मुझे छोड़ जाये ।
मैं भी जी लू अपने हिसाब से ।
बस यही कृपा हो जाये ।
बस सुकुन मिल जाये ।।
Kavitarani1
102
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें