बहार बनके आये | Tum bahaar banke aaye




तुम बहार बनके आए- video dekhe

तुम बहार बनके आये 


बहती दरिया कहीं छोड़ आये ।

जीवन संघर्ष में सब छोड़ आये। 

इस दौड़ में कहीं टुटे थे ।

दुर रह दुनिया से कई अपने छुटे थे ।

रह गये थे अकेले पतझड़ से सर्दी तक ।

फिर मौसम बदला, बंसत आयी ।

इस जीवन वेला में तुम बहार बनके आये ।।


छुटे मोह, जग के सारे प्यारे छुटे ।

रह गये अकेले, कुछ न्यारे छुटे ।

बदल गया समय जो जगहें बदली ।

इस पगली दुनिया ने अपनी नियतें बदली ।

माफ कर सबको हम फिर मुस्काये ।

अबके तुम आये बहार लाये ।।


लग रहा जीवन बदलेगा ।

जो है बचपन से सुखा वो आसमान बदलेगा ।

तपती धरा अब तृप्त होगी ।

बारिश की बूंदे और सावन सी बहार होगी ।

बसंत की बहार मन को भायेगी ।

जीवन संगीनी तन भायेगी ।

हम छोड़ एक जीवन नव जीवन को गये ।

जैसे तुम आये बहार आये ।

लगता यही अभी तुम बहार बनके आये ।।


Kavitarani1 

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