तुम मेरी हो | Tum meri ho
तुम मेरी हो
मेरी भौर सुहानी हो,
मेरी पुरी कहानी हो,
मैं धरा प्यासी जो,
तुम मेरा सावन हो ।
तुम चाहत हो,
मेरी राहत हो ,
राहे कई मंजिल की तो ,।
तुम मेरी हमराही हो।
मेरे दिल की ख्वाहिश हो,
मेरे सपनों की चाहत हो,
मैं मावस की था रात जो,
तुम मेरे पूनम का चाँद हो।
तुम फुल की बगिया हो ,
हरियाली खुशनुमा हो,
मैं माली एक बाग का जो,
तुम मेरा पोषण हो।
तुम सबसे खास हो,
दिल के सबसे पास हो,
जीवन का आधार हो,
मेरी जीवन संगीनी हो।
तुम ही अहसास हो,
तुम ही मेरी आस हो,
जो तुम साथ हो,
तो साथ हो, तो दुनिया साथ हो ।।
Kavitarani1
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