पोथी पढ...ज्ञान आव कोनी | Pothi pad pad gyan aav koni


 

दो पोथी पढ़ ज्ञान आव कोनी - विडिओ देखे


पोथी पढ ... ज्ञान आव कोनी 


दो पोथी पढ़, जग फुल्यों समाव् कोनी ।

कोनी मान् जो, समझ् इन्सान ही इंसान की कोनी ।। 

दो पोथी पढ़...।


ढाई आखर पढ़ गर्व करजो कोनी ।

कोनी मान् , जो रखे  मन में  इमान् कोनी ।। 

दो पोथी पढ़...।


वो सरकारी नौकर जमीन् प टेक पाव कोनी ।

कोनी मान् , जो खुद का मन की कर पाव् कोनी ।

आयो बाबु बण, गाँव को गँवार,  फुल्यो समाव् कोनी ।

कोनी मान् , जो रखे घमण्ड, मन म खोई को सम्मान कोनी ।।


ओ मास्टर बण ग्या, बन मास्टर फुला समाव कोनी ।

कोनी मान, जो पढ़ सक मन, बाल- गोपाल कोनी ।

राजा बैढ्या, सेठ बैठ्या, किसान सा कोई लोग कोनी ।

कोनी मान, बेईमान वे जो समझ लोगां का हाल कोनी ।।

 दो पोथी पढ़ ...


ओ गाँव को छोरो फड़ ग्यों, क्यो विदेश फड़ बा ग्यो ।

फढ़ - लिख आयो कोनी बस ग्यो विदेश मा ।

विदेशी बोले गाँव म लोग - इंसान कोनी ।

पैदा कर्यो डांडा न और विदेश इंसान बण ग्यो ।।


दो पोथी पढ़ इंसान कोई बण पाव कोनी ।

कोनी मान् जो सम्मान जननी, जद भूमि दे पाव कोनी ।।


पर देश जा क पिसा कमाया ।

कमाया मान सम्मान खुब लोगां ही दिखाया ।

दो बैढ्या गाँव का बुजर्ग बोली बाकी समझ उपायो कोनी ।

कोनी मान् नजरां मं वक्त जांके मन भाव कोनी ।।


पिसा, पोथी पढ़ - पढ़ ज्ञान आवे कोनी ।

ज्ञानी ज्ञान पाक् फल वाली डाली जसा झूक जाव् ।

दो पोथी पढ़, जग फुल्यों समाव् कोनी ।

कोनी मान् जो, समझ् इन्सान ही इंसान की कोनी ।। 

दो पोथी पढ़...।



Kavitarani1 

33

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ऐ भारत के वीरो जागो / E Bharat ke veero jago

वो मेरी परवाह करती है | vo meri parvah karti hai

सोनिया | Soniya