दिया जले / diya jale
दिया जले
दिया जले की, बाती जले ।
रिसता तेल कहे, मेरी उम्र ढले ।
कम होती बाती कहे, दीप जले ।
कम होता तेल कहे , दीप जले ।
रोशन जग कहे, लो जले ।
ऊँची लपटे कहे, ज्वाला जले ।।
देख पतंगा दौड़, उढ़ - उड़ जले ।
लो में जले, दीप में जले ।
बुझता जाता कभी तेल चढ़े ।
बुझती लो पर कभी बाती जड़े ।
कटती घडियाँ, दिन बढ़े - रात बढ़े ।।
महंत कहे, कब दीप जले ।
रात काली रोशन कहे, दीप जले ।
धूप - दुपहर रवि तेज है ।
बुझता दिया कहे बाती घटे ।
बुझा दिया कभी तेल घटे ।
अपने - अपने राग कहे ।
दिया जले की बाती जले ।
Kavitarani1
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