दूर रहने दो, Dur rahne do
DOOR RAHNE DO- CLICK HERE TO SEE VIDEO
दूर रहने दो
फुल खिले बिना महक नहीं होती,
सुगंध बिना भंवरे नहीं आते ।
पथ बिना पथिक भटकता है,
मंजिल के बिना राह अधूरी है ।
चाँद बिना चाँदनी नहीं दिखती,
सुरज बिना रोशनी नहीं दिखती ।
कुछ तो कारण होता है किसी के साथ होने का,
यूँ ही नजदीकियाँ नहीं होती ।
पास रहे बिना या सुने बिना,
कोई आदत नहीं बना करती ।
रह गई दूरी तो अच्छा है,
बात बिना बने बिगड़ी तो अच्छा है ।
अच्छा है कुछ खास नहीं रहा,
छोड़कर फिर अब कुछ पास ना रहा ।
ना रही कोई याद ना अहसास,
तो आदत को मिट जाने दो ।
अभी हुई नहीं थी जो मेरी,
उसे दूर रहने दो ।।
Kavitarani1
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