अकेला मैं / Main akela
Main akela- click here to see video
अकेला मैं
कैसे बताऊँ कितना अकेला हूँ,
अपने मन से पूरा तन्हा हूँ,
कायर हूँ, डरपोक हूँ,
मैं अजन्मा शौक हूँ ।
हिम्मत नहीं,
चुनौतियों से कैसे लडू,
प्यासा हूँ,
सुखे को कैसे तरू,
थका हूँ,
चट्टानो को पार कैसे करूँ,
भटका हूँ,
वनों को कैसे पार करूँ ।
नम हूँ खुदी के गमों से,
देख रहा हूँ सुनी आँखो से,
सुखे होठों से मुस्कुराता हूँ,
मैं तन्हा गुजर जाता हूँ ।
जो कांटे थे पैरों के,
पीछे लगे है पूँछ बनके,
आगे ज्यों बढ़ता हूँ,
उनको देख पिछे गिरता हूँ ।
हूँ डर के साये में,
हूँ अँधेरे के पाये में,
हूँ अकेला पथ पर मैं,
मन से भी बस तन्हा मैं,
कैसे बताऊँ कितना अकेला मैं ।।
Kavitarani1
144
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें