नया सवेरा चाहिए | Naya savera


 

Naya savera chahiye- click here to see video

नया सवेरा चाहिए 


साल बित गये ऐसे ही रहते - रहते,

अब कुछ बदलाव चाहिए ।

बहुत सोचता हूँ  मैं  ऐसे तो,

पर कुछ सच में बदलना चाहिए ।

कड़ी धुप सह लूगाँ मैं, 

बस ये अँधेरा हटना चाहिए  ।

यूँ तो खुब हिम्मत रखता हूँ, 

पर अब कोई हमसफ़र साथ चाहिए ।

पथरीले रास्तों पर चल लूँगा मैं,

बस राह दिखनी चाहिए ।

मंजिल का कोई मोह नहीं मुझे, 

बस मुकाम पर मन संतुष्ट होना चाहिए  ।

बरस बीत गये आस लगाये,

अब कुछ परिवर्तन होना चाहिए ।

खुब जी लिए एकान्त में रहकर,

अब भीड़ होनी चाहिए ।

जी घबराता है शांति में अब,

नये सवेरे संग अब शौर चाहिए ।

कुछ ज्यादा मांगा नहीं मैंने, 

बस ये अँधेरा मिटना चाहिए ।

अब नया सवेरा चाहिए, 

अँधेरा मिटना चाहिए ।।


Kavitarani1 

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