तुमसे मिलकर, tumse milkar
तुम से मिलकर- विडिओ देखने के लिए यहाँ दबायें
तुमसे मिलकर
वो जो मदहोश कर देने वाली बातें हैं ।
कामना की सारी खुबसुरत जो रातें हैं ।
मंद मंद मुस्कान के जो राज समझ आते हैं ।
वो सब तुमसे ही मिल पाते है ।।
मेरी खोई खुशी और आते गम सारे ।
अधुरी रहती महफिल और गुम तारे ।
अकेलेपन का दुख और मायुसी सारी ।
तुमसे मिलते ही बदल जाते नजारे ।।
मेरे मन का बोझ हल्का होता ।
अब दुखड़े से मन मेरा ना रोता ।
खोया हुआ भी कहीं जाकर मिल जाता हूँ ।
अब तुम से मिलकर निखर जाता हूँ ।।
वो जो खिलखिलाहट वाली हँसी जो है ।
हर बात में मजाक और मस्ती जो है ।
अंजान जगह पर भी जो घुल मिल जाती है ।
मेरी बातें जब तुमसे मिलने की जो हो जाती है ।।
मेरी पूरी नींद की होती सुबह सारी ।
आधी मिली दुनिया लगती अब प्यारी ।
खालीपन अब खुद ही भरी महफिल लगती ।
जब तुमसे मिलने की बातें होती रहती ।।
मेरे आज का असर हो रहा ।
बढ़ती जिन्दगी में मैं रुक कर खिल रहा ।
समय के सार सा में तुम्हें चाहा करूँ ।
अब तुम्हे चाहने के साथ मिलने की दुआ करूँ ।।
Kavitarani1
63
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें