यह एक पड़ाव है सार नहीं, Yah ek padav hai saar nhi



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यह एक पड़ाव है सार नहीं 


हँसते - खिलखिलाते चेहरे हैं, 

आँखो में मस्ती हैं, 

मुस्कुराता आलम है, 

पर जानता हूँ मैं ये,

यह एक पड़ाव है सार नहीं । 


धूप है अब कोहरा नहीं, 

खुले आसमान पर बादलों का पहरा नहीं, 

बहता दरिया है सामने अब तालाब नहीं, 

खुशनुमा है मौसम और ताजगी, 

यह एक पड़ाव है सार नहीं । 


अभी कोई परीणाम नहीं, हार नहीं, 

सपनों की सेज के आसार नहीं, 

सब कुछ बस लय में है, 

मंजिल के ये कोई हाल नहीं, 

यह एक पड़ाव है सार नहीं । 


आनंद में आज है,

मौज में है पल कई,

सोंचने का समय नहीं, 

रूकने का मन नहीं, 

चिंता करे भविष्य की 

ऐसी अभी रहे हालात नहीं, 

पानी है मंजिल कोई और,

यह बस एक पड़ाव है सार नहीं ।।


Kavitarani1 

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