गलती / Galati
गलती
हाँ, हाँ, मैं सब समझ गया ।
बातों में तेरी कुछ उलझ गया ।
पर मुझे सब याद है ।
अपनी वाट्स एप्प पर ही मुलाकात है ।
कहता रहा मैं अपनी बातों को,
दुःख - सुख की रही यादों को,
और तुमने भी अपनी गाथाएँ सुनाई,
बातों - बातों पर तुम चिढ़ी और हुई लड़ाई,
तुम रही जैरी मैं टोम ना हुआ,
पर खाने का मन कई बार हुआ ।
मानना पड़ा, मैं नहीं भारी,
और कभी तो आयेगी मेरी बारी ।
गलती कभी होती है क्या ?
मुझे समझ आ गया मामला है,
गलती होना ही गर्ल है,
चलो छोड़ो सब जाने दो,
अब कभी तो मुझे,
मुझे आगे बढ़ना तो तुम,
अपनी गलती रहने दो ।।
Kavitarani1
236
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें