मेरे शहर में / mere shahar mein
मेरे शहर में
आ गई तुम, फिर मेरे शहर में,
पलट कर देख रही हो,
सब अच्छा चल रहा है ना,
फिर क्यों जख्म खुरेच रही हो,
क्या मैं हूँ वो जो याद आया,
या मेरे शहर की मीनारों ने बुलाया,
बहुत सुन्दर घर है देखने को,
क्यों मेरी कुटिया निहार रही हो,
आ गई ना तुम, फिर मेरे जहन में,
भूल गया था मैं,
याद आ गई ना फिर, मेरे वहन में,
तुम रह लोगी पता है मुझे,
मुझसे ना हो पायेगा,
इसीलिये तुम देखती रहो,
मुझसे अब ना देखा जायेगा,
फिर ना सहा जायेगा ।
खुश रहो तुम मेरे शहर में ।।
Kavitarani1
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