तेरे से खुब रही / Tere se khub rahi
तेरे से खुब रही
तेरी भी खुब रही ।
आके रही पास मेरे,
पर एक बात ना हुई ।
मुस्कुराई देख मुझे,
पर फिर नजरें एक ना हुई ।
पड़ोसन लाजवाब मिली ।
पर पड़ती ना हुई ।
तेरे से भी खुब रही ।।
बातें चार काम की ही कर लेते ।
मुलाकातें आम ही कर लेते ।
देख लेते हॅसकर एक-दुजे को ।
पर रिश्ते की बात से दूर होते ।
जाने क्या तेरे साथ हुई ।
अकड़ में जो तू रही ।
शुरूवात ना मुझसे हुई ।
ऐसे अपनी खुब रही ।।
दूर बैठ कभी मैंने देखा ।
तू कहीं बातों में खोई रही ।
बातें कुछ आम हुई ।
कभी घर वालों से तो ।
कभी मोहल्ले वालों से हुई ।
हमने तो दुजी हाथ सुनी ।
कुछ मन की मन में रही ।
ऐसे अजनबी से शुरूवात हुई ।
अजनबी से ही खत्म हुई ।
तेरे से भी खुब रही ।।
Kavitarani1
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