क्यों | Kyon
क्यों ?
कभी आ रहे हो, कभी जा रहे हो,
क्यों ना मुझे समझ पा रहे हो ।
शर्मा रहे हो, मुस्कुरा रहे हो,
क्यों ना मन की कह पा रहे हो ।
बता रहे हो, सुन रहे हो,
क्यों मन की कर पा रहे हो ।
दिख रहे हो, छुपा रहे हो,
क्यों ना मुझे अपना रहे हो,
बन रहे हो, बिगड़ रहे हो,
क्यों ना मेरे लिये सँवर पा रहे हो ।
बता रहे हो, छुपा रहे हो,
क्यों ना मुझे अपना पा रहे हो ।
क्यों दुनिया से डरे जा रहे हो ।।
Kavitarani1
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