शिक्षक है हम भूल ना जाना | Shikshak hai hum bhul na jana
शिक्षक है हम भूल ना जाना
जीवन संघर्ष में दौर कई आते है ।
किताबों से लड़-लड़ कुछ लोग आगे बढ़ जाते है ।
विद्या ध्यान पाकर विधारागी बनते हैं ।
पथ का गौरव पाकर हम गुरू जानते है ।
दान - दक्षिणा के हकदार नहीं अब ।
सरकार के नौकर है हम सब ।
पैशे से जनता के सेवक है अब ।
लोगों के भावी भविष्य बुनते है हम सब ।
हमें समाज सुधारक बन काम करना है ।
देश के युवाओं का उद्धार करना है ।
मार्ग दर्शक है हम, मार्गदर्शन सबको कराना है ।
पैसों में उलझ कर्त्तव्य ना भूल जाना है ।
शिक्षक है हम भूल ना जाना है ।।
Kavitarani1
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