तुझे पता है | tujhe pta hai



तुझे पता है 


ये बस मुझे पता है और तुझे यकीन है ।

सब जो समझते है वो सब खाली भ्रम है ।।


जी रहा हूँ मैं अकेले पर सुनापन भी है ।

खुशी दिखती है पर मुस्कान खफा है ।।


तुझ बिन रह रहा हूँ ये सवाल सा है ।

रह ना पाता हूँ तुझ बिन ये जवाब है ।।


ये बस मुझे समझ आता है, और तुझे पता है ।

सब जो सोंचते है वो सच कहाँ ।।


मैं अधूरा हूँ बिन तुम्हारे हमेशा से ।

और दौड़ रहा हूँ तुझसी पाने को मैं ।।


तु नहीं चाहिये मुझे ये मुझे पता है ।

तुझसी ही मुझे चाहिये ये तुझे पता है ।।


कोशिशें बेहतरी की नाकाम है ।

आजमाइशें प्यार की बेकार है ।।


रहनुमा में सासों का जो चल रही है ।

तेरी चाह बिझड़ने से जल रही है ।।


हालात बदतर जब यादें तन्हा हैं ।

लम्हे खौफजदा जब बातें तन्हा है ।।


अन्दाज महसूस एकान्त जिन्दगी मजा है ।

शब्दों का सार बस तुझे पता है ।।


चल रही खुशी से जिन्दगी ये फंसाने है ।

अपनी आप बस मुझे पता है  ।।


कैसे कट रही जिन्दगी में बस मुझे पता है ।

ये बस मुझे पता है और तुझे और खबर है ।।


Kavitarani1 

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