पिया बावरी | Piya bawari


 

पिया बावरी


पिया बावरी मैं, पिया बावरी ।

सुध-बुध खोयी, रोयी साॅवरी मैं, रोयी बावरी ।

अखियन से बैर कर, जागी पूरी रैन मैं ।

मनवा से बैर कर, हुई बैचेन मैं ।

सो ना सकी, थकी रोई मैं ।

पिया बावरी मैं, पिया बावरी ।।


छत पर बैठा पपिहा, बुलाये मुझे ही ।

छत पर बैठी, पथराई मैं भी ।

देख रही, भौर भरी अखियन से ।

भौर भयी, दिन चढ़ने लगा है ।

जागी अखियाँ कह रही है ।

पिया बावरी मैं, पिया बावरी ।।


जाती सदायें, साल बिते ।

बैठ ठोर एक-एक यौवन बिते ।

बित गया सावन, शीत जलाये ।

ग्रीष्म चिढ़ाये, मन भर आये ।

आये यादें, यादें सताये ।

बोल मनवा, मन बोल ।

पिया बावरी मैं, पिया बावरी रे ।

पिया बावरी मैं  ।।


Kavitarani1 

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