पिया बावरी | Piya bawari
पिया बावरी
पिया बावरी मैं, पिया बावरी ।
सुध-बुध खोयी, रोयी साॅवरी मैं, रोयी बावरी ।
अखियन से बैर कर, जागी पूरी रैन मैं ।
मनवा से बैर कर, हुई बैचेन मैं ।
सो ना सकी, थकी रोई मैं ।
पिया बावरी मैं, पिया बावरी ।।
छत पर बैठा पपिहा, बुलाये मुझे ही ।
छत पर बैठी, पथराई मैं भी ।
देख रही, भौर भरी अखियन से ।
भौर भयी, दिन चढ़ने लगा है ।
जागी अखियाँ कह रही है ।
पिया बावरी मैं, पिया बावरी ।।
जाती सदायें, साल बिते ।
बैठ ठोर एक-एक यौवन बिते ।
बित गया सावन, शीत जलाये ।
ग्रीष्म चिढ़ाये, मन भर आये ।
आये यादें, यादें सताये ।
बोल मनवा, मन बोल ।
पिया बावरी मैं, पिया बावरी रे ।
पिया बावरी मैं ।।
Kavitarani1
218

टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें